धरती पे शायद कुछ भी ऐसा नहीं जिस पर ऊँगली न उठाई जा सके लेकिन प्रतिसत में अंतर जरुर देखा और किया जा सकता है ऐसे में आज सबके जीवन में एक अभिन्न रूप धारण करती देश की मिडिया को भी तो लोग कई नज़रों से देखते ही है कुछ इसको सौ प्रतिशत से भी ऊपर श्रेणी में रखते है तो कुछ के नजर में ये प्वाईंट जीरो से भी कम………. लेकिन फिर भी कोई न कोई बात तो है ही की आज इसने सबके बिच एक जबरदस्त तरीके से अपनी प्रस्तुती की है और आज सबकी समस्याओ की घडी में मदद करने वाले एक मशीहा के रूप में उभरा कर हर समस्याओं के सामने खड़ा है जी हाँ देश के कुछ ही इलाके जो जरुरत से ज्यादा ही पिछड़े हैं यानि वंहा पर जीवन यापन करने वाले लोग जो किसी भी आधुनिक चीजो से कोसो दूर हैं को छोड़ कर आज शायद ही कोई ब्यक्ति ऐसा होगा जो इस शब्द यानि मिडिया से अपरचित हो,अब ऐसे में चाहे इसका कोई भी रूप हो(प्रिंट,इलेक्ट्रोनिक या वेब)हर छेत्रों में अपना ब्यापक विस्तार करते हुए देश की सेवा के लिए हमेशा ही आगे बढ़ कर कम किया है इसने! जी हाँ रोती आँखों को पोंछने की ललक वो चाहे किसी भी वर्ग की आँख हो, देश में घटित हो रहे अनेकों प्रकार की घटनाये चाहे वो र...
"स्वयं हमेशा खुश रहें और सदैव अच्छे लोगों को खुश रखने की कोशिश करें। प्रयास यह निरंतर होना चाहिए कि, आपकी कोई भी गतिविधि ऐसी ना हो जिससे किसी सज्जन जीव को किसी भी प्रकार के मुश्किल का सामना करना पड़े...।" -धर्मेश तिवारी