जी हाँ, आज विश्व के अधिकतर देश कोरोना के रूप में फैले आतंक के चपेट में हैं। अपना देश भारत भी इससे अछूता नहीं रहा और पिछले कुछ दिनों से लगातार इसके आंकड़ों में वृद्धि से समूचा देश चिंतित है। इससे बचाव के हर सम्भव कदम उठाने में निश्चित तौर पर सरकार काफी तेजी से आगे बढ़कर कार्य कर रही है। विशेषज्ञयों की मानें तो इससे लड़ने में सोशल डिस्टेंस और स्वच्छता ही एक मात्र उपाय के रूप में सबसे बड़ी दवा भी साबित हो सकता है जिसे हम सभी पिछले कई दिनों से जी रहे हैं। हम सभी घरों में बैठे देख भी रहे हैं कि, पूरे देश में इसका कड़ाई से पालन हो और करवाया भी जा रहा है। प्रशासन द्वारा लगातार लोगों को सुझाव भी दिए जा रहे हैं कि, घरों से अनावश्यक बाहर न निकलें। बाहर होने की स्थिति में चेहरे को अवश्य ढ़क कर रखें। एक दूसरे से दूरी बना कर रहें। हाथों को लगातार धोते रहें तथा बार-बार आँख, नाक और मुँह को छूने से बचें। यानी, कुल मिलाकर स्वच्छ रहने की कोशिश करें और अनावश्यक घर से बाहर निकलने से बचें ताकि संक्रमण न फैले। लेकिन, इस दौरान एक सवाल जो लगातार परेशान कर रहा है वो यह कि, आखिर आज प्रशासन क्यों उपरोक्त ...
"स्वयं हमेशा खुश रहें और सदैव अच्छे लोगों को खुश रखने की कोशिश करें। प्रयास यह निरंतर होना चाहिए कि, आपकी कोई भी गतिविधि ऐसी ना हो जिससे किसी सज्जन जीव को किसी भी प्रकार के मुश्किल का सामना करना पड़े...।" -धर्मेश तिवारी