Skip to main content

हिंदी के सम्मान से हिंदुस्तान बढ़ेगा...







(धर्मेश तिवारी)
कर के देखो सम्मान कि हिंदुस्तान बढ़ेगा
हाँ हिंदी के सम्मान से हिंदुस्तान बढ़ेगा
शुरुआत कराओ बच्चों की अ आ इ ई से
मजबूत अगर हो नीव तो घर में जान बढ़ेगा
हाँ, हिंदी के सम्मान से हिंदुस्तान बढ़ेगा...

गुड मॉर्निंग अच्छा है देखो तो प्रणाम बोलकर
जो प्यार नहीं पाया होगा वो प्यार बढ़ेगा
डीनर की बजाय इस्तेमाल हो गर भोजन का
वादा है यह कि, घर में खाने का मीठास बढ़ेगा
हाँ, हिंदी के सम्मान से हिंदुस्तान बढ़ेगा...

हिंदी से ही पहचान नहीं है अंग्रेजी से
जो खोया है पहचान वही पहचान बढ़ेगा
है गूंज सुनाई देती इसकी अब दूर देशों में
दिनचर्या में इसे लाओ कि, इसका विस्तार बढ़ेगा
हाँ, हिंदी के सम्मान से हिंदुस्तान बढ़ेगा...

सर में भी है सम्मान पर श्रीमान इससे बेहतर
इसको अपनाने से खुद सबका ज्ञान बढ़ेगा
हाउ आर यू अच्छा है अगर ये हिंदी में हो
ऐसा करके देखो हर इंसा का मान बढ़ेगा
हाँ, हिंदी के सम्मान से हिंदुस्तान बढ़ेगा...

गर रखना जिंदा है हिंदी को हिंदुस्तान में
हिंदी में ही खाना, चलना और सोना होगा
इजी भी है आसान भी है अपनाकर तो देखो
अरे इससे सिर्फ कल्चर ही नहीं
हमसब की संस्कृति का मान बढ़ेगा
हाँ, हिंदी के सम्मान से हिंदुस्तान बढ़ेगा...

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

इंसान निर्जीव है!

इंसान एक जीव है और कोई भी जीव सजीव होता है- ऐसा इसलिए क्योंकि वह चल सकता है, बोल सकता है, सोच सकता है और कुछ भी कर सकता है। ऐसा बचपन से सुनता आया हूँ। अबतक के जीवन यात्रा में जितने भी लोगों से साक्षत्कार हुआ और जिसके पास जितना अधिक ज्ञान मार्ग हैं, सभी ने अपनी पकड़ के अनुसार उस पर चलाते हुए यह बताने और समझाने में कहीं कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी कि जीव चाहे किसी भी रूप में हो वह सजीव ही होता है। आज भी अनेकों विद्वान अपने ज्ञानदीप से यह उजाला करने की लगातार कोशिश में लगे रहते हैं कि जीव के अनेक रूप हैं और सभी रूपों में वह सजीव ही होता है। ऐसे में यह कहना शायद गलत हो परंतु, पता नहीं क्यों दिमाग का एक छोटा सा कोना तमाम ज्ञानार्जन के बाद भी इस नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहा कि जीव सजीव होता है, ऐसा वह मानने को तैयार ही नहीं। बार-बार उसे समझाने पर भी उसे यही लग रहा है कि जीव  तो सजीव है ही नहीं। हकीकत में यह भी निर्जीव है जैसे कमरे में रखी एक कुर्सी। और जिस प्रकार उस कुर्सी के सजीव होने का कोई सवाल नहीं, ठीक उसी प्रकार किसी भी जीव चाहे वह किसी भी रूप में हो उसके सजीव होने का भी कोई सवाल पैदा न...

पहले चलना तो सीखो बहन की तरह……………..

शाम की सुहानी हवा से मन में शांति पाने के लिए गेट के बाहर वाली चाय की छोटी सी दुकान पर जैसे ही पहुंचा और अभी दुकानदार को चाय के लिए बोलते हुए जैसे ही बैठने की कोशिश कर ही रहा था की अचानक ही रोड पर एक तेज़ रफ़्तार से बाइक जाने की आवाज़ सुनाई पड़ी मैंने मुड कर तुरंत देखा की वो बइक किसी स्कूटी का पीछा कर रही थी और कुछ दूर आगे जाने पर दोनों गाड़ियाँ रुक गई फिर कुछ तेज़ आवाज़ में बात होने लगी अब आवाज़ सुन आस पास के तथा आने जाने वाले लोग इक्कठा होने लगे अब चूकी लड़की और लड़कों की बात थी तो मेरे साथ कुछ और लोग जो दुकान पर बैठे थे हम सब आगे उधर की ओर बढे! तब तक गंगाराम का मोबाइल बजा और वो किसी से बात करने लगा, क्या सोच रहे है गंगाराम कौन है अरे ये तो मेरा बहुत ही पुराना मित्र है और कल अचानक ही बहुत दिनों के बाद मिल गया फिर हमलोग बगल में एक चाय की दुकान पर बैठ कर चाय की चुस्की लेने के साथ-साथ एक दुसरे का हाल चाल पूछने लगे! गंगाराम के हाथ में अख़बार था जिसमे एक न्यूज़ पर गंगाराम अचानक ही हँसते हुए ये कहानी मुझसे कहने लगा था! अब चुकी कहानी अभी अधूरी थी तो फोने रखते ही मैंने उससे कहा की हाँ गं...

सोचिए, हम कहाँ पर खड़े हैं

जी हाँ,  आज विश्व के अधिकतर देश कोरोना के रूप में फैले आतंक के चपेट में हैं। अपना देश भारत भी इससे अछूता नहीं रहा और पिछले कुछ दिनों से लगातार इसके आंकड़ों में वृद्धि से समूचा देश चिंतित है। इससे बचाव के हर सम्भव कदम उठाने में निश्चित तौर पर सरकार काफी तेजी से आगे बढ़कर कार्य कर रही है। विशेषज्ञयों की मानें तो इससे लड़ने में सोशल डिस्टेंस और स्वच्छता ही एक मात्र उपाय के रूप में सबसे बड़ी दवा भी साबित हो सकता है जिसे हम सभी पिछले कई दिनों से जी रहे हैं। हम सभी घरों में बैठे देख भी रहे हैं कि, पूरे देश में इसका कड़ाई से पालन हो और करवाया भी जा रहा है। प्रशासन द्वारा लगातार लोगों को सुझाव भी दिए जा रहे हैं कि, घरों से अनावश्यक बाहर न निकलें। बाहर होने की स्थिति में चेहरे को अवश्य ढ़क कर रखें। एक दूसरे से दूरी बना कर रहें। हाथों को लगातार धोते रहें तथा बार-बार आँख, नाक और मुँह को छूने से बचें। यानी, कुल मिलाकर स्वच्छ रहने की कोशिश करें और अनावश्यक घर से बाहर निकलने से बचें ताकि संक्रमण न फैले। लेकिन, इस दौरान एक सवाल जो लगातार परेशान कर रहा है वो यह कि, आखिर आज प्रशासन क्यों उपरोक्त ...